आप सभी को प्रणाम।
आज का विषय है कि आखिर कलयुग में परमपिता पिता परमेश्वर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी क्यों सभी लोगो के दुखों का निवारण नही करते??
जबकि हमारे ग्रंथो में लिखा है कि शबरी की सच्ची लगन प्यार,और भक्ति के कारण प्रभु ने शबरी की जूठे बेर तक खा लिए थे,और शबरी का उद्धार किया।
इसी प्रकार एक प्रसंग में लिखा है कि अहिल्या जो पिछले जन्म में अभिशाप के कारण एक शिला बन गई थी, अहिल्या की उद्धार के लिए प्रभु उस शिला तक गए और अपने श्री चरणों के द्वारा उस शिला को पुनः नारी बनाकर उद्धार किया।
ऐसे बहुत से प्रसंग है जिनमे भगवान अपने भक्तों के उद्धार के लिए उनकी सच्ची लगन के कारण उन्हें दर्शन दिए।
फिर अखिल कलयुग मैं ऐसा क्या हो रहा है कि भगवान इंसानों का उद्धार दुख दर्द कष्ट भूख गरीबी बीमारी नही मिटाते है।
इसका मुख्य कारण मनुष्य का अहंकार होता है कि मैं हूँ तो सब कुछ है मेरे सिवा दुनिया मे कुछ नही।
जबकि हमने देखा है कि कलयुग में भी जिसने अपने अहंकार को छोड़कर अपने को प्रभु का दास सेवक बना लिया प्रभु ने उनका नाम अमर कर उनका उद्धार किया जैसे रसखान मीरा बाई और बहुत से भक्त है।
दुनिया मे केवल जिसने अपने को प्रभु का दास बना लिया उसका उद्धार निश्चित है क्योंकि जिनके पत्थरो में सिर्फ नाम लिखने से पत्थर भी पानी मे तैर जाते है तो फिर उनकी सच्ची भक्ति करने मे भला कैसे मनुष्य का उद्धार नही होगा।
यह सब लिखने के बाद मैंने इसका सारांश चार पंकितयों में लिखा यदि अच्छा लिखा हूँ तो अपना आशीर्वाद दीजिये।
आज का विषय है कि आखिर कलयुग में परमपिता पिता परमेश्वर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी क्यों सभी लोगो के दुखों का निवारण नही करते??
जबकि हमारे ग्रंथो में लिखा है कि शबरी की सच्ची लगन प्यार,और भक्ति के कारण प्रभु ने शबरी की जूठे बेर तक खा लिए थे,और शबरी का उद्धार किया।
इसी प्रकार एक प्रसंग में लिखा है कि अहिल्या जो पिछले जन्म में अभिशाप के कारण एक शिला बन गई थी, अहिल्या की उद्धार के लिए प्रभु उस शिला तक गए और अपने श्री चरणों के द्वारा उस शिला को पुनः नारी बनाकर उद्धार किया।
ऐसे बहुत से प्रसंग है जिनमे भगवान अपने भक्तों के उद्धार के लिए उनकी सच्ची लगन के कारण उन्हें दर्शन दिए।
फिर अखिल कलयुग मैं ऐसा क्या हो रहा है कि भगवान इंसानों का उद्धार दुख दर्द कष्ट भूख गरीबी बीमारी नही मिटाते है।
इसका मुख्य कारण मनुष्य का अहंकार होता है कि मैं हूँ तो सब कुछ है मेरे सिवा दुनिया मे कुछ नही।
जबकि हमने देखा है कि कलयुग में भी जिसने अपने अहंकार को छोड़कर अपने को प्रभु का दास सेवक बना लिया प्रभु ने उनका नाम अमर कर उनका उद्धार किया जैसे रसखान मीरा बाई और बहुत से भक्त है।
दुनिया मे केवल जिसने अपने को प्रभु का दास बना लिया उसका उद्धार निश्चित है क्योंकि जिनके पत्थरो में सिर्फ नाम लिखने से पत्थर भी पानी मे तैर जाते है तो फिर उनकी सच्ची भक्ति करने मे भला कैसे मनुष्य का उद्धार नही होगा।
यह सब लिखने के बाद मैंने इसका सारांश चार पंकितयों में लिखा यदि अच्छा लिखा हूँ तो अपना आशीर्वाद दीजिये।
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